स्कूलों को मिली सोमवार तक छुट्टी, सरकारी और निजी स्कूल रहेंगे बंद! School Holiday

कांवड़ यात्रा 2025: दोस्तों, अगर आप उत्तर भारत में रहते हैं, तो आप जानते होंगे कि सावन का महीना कितना खास होता है। इस बार कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू हो चुकी है और 23 जुलाई तक चलेगी, जिसके चलते कई शहरों में स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे और बाजारों में भी कुछ पाबंदियां होंगी। ये धार्मिक यात्रा लाखों शिव भक्तों के लिए आस्था का प्रतीक है, लेकिन इसके साथ ट्रैफिक और भीड़ का मैनेजमेंट भी बड़ा चैलेंज है। चलिए, इस बार की कांवड़ यात्रा से जुड़ी हर जरूरी बात को आसान भाषा में समझते हैं, जैसे दोस्त से गप्पें मार रहे हों!

स्कूल-कॉलेज में छुट्टियां: बच्चों की बल्ले-बल्ले

कांवड़ यात्रा के दौरान भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम को देखते हुए कई राज्यों ने स्कूल-कॉलेज बंद करने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, बरेली, बदायूं और वाराणसी जैसे जिलों में 16 जुलाई से 23 जुलाई तक सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी सेंटर बंद रहेंगे। नोएडा में भी 23 जुलाई को स्कूल बंद रहेंगे, लेकिन ऑनलाइन क्लासेस चल सकती हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश में भी 14 से 23 जुलाई तक शैक्षिक संस्थान बंद रहेंगे, ताकि बच्चों को ट्रैफिक की परेशानी न झेलनी पड़े। माता-पिता भी इस फैसले से खुश हैं, क्योंकि सड़कों पर कांवड़ियों की भीड़ में बच्चों की सेफ्टी सबसे जरूरी है।

बाजारों में पाबंदी: क्या-क्या रहेगा बंद?

कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ इलाकों में बाजार भी प्रभावित होंगे। खासकर दिल्ली-मेरठ हाइवे, हरिद्वार और गाजियाबाद जैसे रूट्स पर ट्रैफिक डायवर्जन की वजह से दुकानें और कमर्शियल गतिविधियां सीमित रहेंगी। दिल्ली में 21 से 23 जुलाई तक आगरा कैनाल रोड जैसी जगहों पर गाड़ियों की आवाजाही बंद रहेगी, जिससे लोकल मार्केट्स में भीड़ कम हो सकती है। कुछ जगहों पर खाने-पीने की दुकानों को अपने लाइसेंस डिस्प्ले करने के आदेश हैं, ताकि कांवड़ियों को शुद्ध भोजन मिले। हालांकि, पूरी तरह से बाजार बंद नहीं होंगे, लेकिन कुछ रास्तों पर दुकानें खोलने का समय कम हो सकता है।

ट्रैफिक और सेफ्टी का इंतजाम

इस बार कांवड़ यात्रा में लाखों श्रद्धालु गंगा जल लेकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए निकल रहे हैं। दिल्ली-मेरठ हाइवे पर एक लेन पूरी तरह कांवड़ियों के लिए रिजर्व है, जिससे आम लोगों को 2-3 घंटे का ट्रैफिक जाम झेलना पड़ सकता है। हरिद्वार, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर जैसे इलाकों में पुलिस ने CCTV, ड्रोन और एक्स्ट्रा फोर्स लगाई है। कुछ जगहों पर कांवड़ियों द्वारा तोड़फोड़ की खबरें भी आई हैं, इसलिए प्रशासन अलर्ट मोड में है। मेरठ के डीएम वीके सिंह और मुजफ्फरनगर के डीएम उमेश मिश्रा ने साफ कहा है कि स्कूल बंदी का ऑर्डर सख्ती से लागू होगा, और उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई होगी।

सावन की शिवरात्रि: यात्रा का पीक

23 जुलाई को सावन की शिवरात्रि है, जिस दिन कांवड़ यात्रा अपने चरम पर होगी। इस दिन मंदिरों में भारी भीड़ होगी, और वाराणसी, हरिद्वार, उज्जैन जैसे शहरों में स्कूल बंद रहेंगे। बदायूं और बरेली में हर सावन सोमवार को स्कूल बंद रहेंगे, ताकि कांवड़ियों और बच्चों दोनों को कोई दिक्कत न हो। अगर आप इन रूट्स पर ट्रैवेल करने की सोच रहे हैं, तो वैकल्पिक रास्तों जैसे DND फ्लाईवे या NH-9 का इस्तेमाल करें।

क्यों जरूरी हैं ये बंद?

कांवड़ यात्रा में लाखों लोग पैदल चलते हैं, और सड़कों पर भारी भीड़ होती है। स्कूल बसें और दूसरी गाड़ियां इस दौरान जाम में फंस सकती हैं, जिससे बच्चों की सेफ्टी को खतरा हो सकता है। साथ ही, कांवड़ियों को भी बिना रुकावट के यात्रा पूरी करने का मौका मिले, इसलिए प्रशासन ने ये कदम उठाया है। हरिद्वार के डीएम मयूर दीक्षित ने कहा, “छात्रों की सुरक्षा और ट्रैफिक मैनेजमेंट हमारी प्राथमिकता है।” ये फैसला न सिर्फ सेफ्टी के लिए है, बल्कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान भी करता है।

क्या करें, क्या न करें

  • अगर आप कांवड़ यात्रा वाले इलाकों में रहते हैं, तो 16 से 23 जुलाई तक ट्रैवेल प्लान करने से बचें।
  • ऑनलाइन क्लासेस के बारे में स्कूल से अपडेट लेते रहें।
  • बाजार जाने से पहले लोकल ट्रैफिक एडवाइजरी चेक करें।
  • कांवड़ियों की भावनाओं का सम्मान करें और सड़कों पर सावधानी बरतें।

अस्वीकरण: ये जानकारी विभिन्न सोर्स से ली गई है। हम इसकी पूरी सटीकता की गारंटी नहीं देते। कोई भी प्लान बनाने से पहले स्थानीय प्रशासन की ऑफिशियल नोटिफिकेशन जरूर चेक करें। कांवड़ यात्रा के दौरान सेफ्टी पहले!

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